विधानसभा क्या है यह सवाल आपके मन में है और आप जानना चाहते हैं कि भारत देश में कितनी विधानसभा हैं तो फिर बने रहिए इस पोस्ट के साथ इस पोस्ट में हम आज भारत की सभी विधानसभाओं के बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं.
भारत इतना विशाल देश है कि इस देश में कई विधानसभा हैं और आज हम सभी विधानसभाओं के बारे में बात करने वाले हैं और जानेंगे की विधानसभा क्या है तो चलिए अब हम शुरू करते हैं.
भारत देश में कई राज्य हैं और उनकी विधानसभा है एक तरह से भारत राज्यों का संघ है जिसमें जनता के प्रतिनिधि विधानसभा में होते हैं संविधान के अनुसार भारत में राज्यों के दो प्रकार हैं.
भारत में राज्यों के दो प्रकार कौन से हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें पूर्ण राज्य दर्जा प्राप्त में विधान सभा होती है और केंद्र शासित प्रदेश में भी विधानसभा होती है.
विधानसभा में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिसकी जवाबदेही उस राज्य की जनता के प्रति होती है मान लीजिए कोई सदस्य उत्तर प्रदेश विधानसभा का है तो फिर उसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश जनता के प्रति होगी.
इसी तरह से हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा के प्रतिनिधि उस राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश के प्रति जवाबदेही होती है.
हर राज्य की जनता अपना विधानसभा प्रतिनिधि चुनती है विधानसभा प्रतिनिधि चुनने के लिए 18 वर्ष की आयु वर्ग के नागरिकों को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिला है.
भारतीय संविधान के मुताबिक किसी भी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा की जो सदस्य सीटें निर्धारित हैं वह 500 से अधिक नहीं हो सकती हैं.
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटें हैं विधानसभा सीटें उस राज्य की आबादी के मुताबिक तय की जाती है.
क्रम संख्या | राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | सीटों की संख्या |
---|---|---|
1 | अरुणाचल प्रदेश | 60 |
2 | असम | 126 |
3 | आंध्र प्रदेश | 175 |
4 | हिमाचल प्रदेश | 68 |
5 | हरियाणा | 90 |
6 | सिक्किम | 32 |
7 | दिल्ली | 70 |
8 | तमिलनाडु | 234 |
9 | त्रिपुरा | 60 |
10 | तेलंगाना | 119 |
11 | ओडिशा | 147 |
12 | उत्तर प्रदेश | 403 |
13 | उत्तराखंड | 70 |
14 | कर्नाटक | 224 |
15 | केरल | 140 |
16 | गुजरात | 182 |
17 | गोवा | 40 |
18 | छत्तीसगढ़ | 90 |
19 | जम्मू-कश्मीर | 76 |
20 | झारखंड | 81 |
21 | नागालैंड | 60 |
22 | पंजाब | 117 |
23 | पुडुचेरी | 30 |
24 | पश्चिमी बंगाल | 294 |
25 | बिहार | 243 |
26 | मेघालय | 60 |
27 | मणिपुर | 60 |
28 | मध्य प्रदेश | 230 |
29 | महाराष्ट्र | 288 |
30 | मिज़ोरम | 40 |
31 | राजस्थान | 200 |
टोटल विधानसभा सीटें | 4121 |
भारत इतना विशाल देश है इस देश के अंदर कुल मिलाकर 31 राज्य हैं जिसमें से कुछ राज्य केंद्र शासित प्रदेश हैं और कुछ राज्य पूर्ण दर्जा प्राप्त राज्य है अब हमारा जो सवाल है कि इंडिया में विधानसभा सीटें कितनी है तो इसका जवाब है 4121 विधानसभा सीटें हैं.
किसी राज्य की विधानसभा सदस्य बनने हेतु योग्यता
भारतीय संविधान के मुताबिक आप किसी भी राज्य की विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन जो भारतीय नागरिकों के लिए आवश्यकता है वह 25 वर्ष आयु पूर्ण कर चुका हो वही नागरिक विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है.
विधानसभा को मिली हुई विशेष शक्तियां क्या है
राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उसी विधानसभा में पेश किया जाता है जिस राज्य का वह मुख्यमंत्री है अगर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव मुख्यमंत्री के खिलाफ पास हो जाता है तो फिर मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्री गण का इस्तीफा होता है.
राज्य का धन बिल विधानसभा में ही लाया जा सकता है.
किसी राज्य का कोई साधारण बिल पर राज्य की विधानसभा का ही मत चलता है.
विधानसभा की जवाबदेही उस राज्य की जनता के प्रति होती है.
विधानसभा सदस्य का कार्यकाल कितना होता है
किसी भी राज्य के विधान सभा सदस्य का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है 5 वर्ष बीत जाने के बाद राज्यों में विधानसभा के चुनाव होते हैं.
किसी भी राज्य की विधानसभा का चुनाव तभी होता है जब वह विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का हो चुका हो लेकिन यदि कोई विधानसभा में सत्ता पक्ष के पास बहुमत ना हो और विपक्ष के पास भी बहुमत के जरूरी आंकड़े ना हो तो फिर ऐसी स्थिति में विधानसभा के चुनाव जल्दी हो सकते हैं.
विधानसभा भंग कब होती है
आमतौर पर विधानसभा अपना 5 वर्ष का कार्यकाल समाप्त करने के बाद राज्यपाल की अनुमति से भंग हो जाती है लेकिन किसी कारणवश विधानसभा को समय से पहले भंग हो तो इसके लिए केंद्र सरकार के पास विशेष शक्तियां प्राप्त हैं.
सबसे पहले तो हम बात कर लेते हैं कि विधानसभा को भंग करने का अधिकार राज्य के मुख्यमंत्री के पास होता है यदि किसी राज्य का मुख्यमंत्री समय से पहले चुनाव कराना चाहता है तो फिर वह विधानसभा को भंग कर सकता है यानी कि जो विधानसभा भंग करने की शक्ति है वह मुख्यमंत्री को प्राप्त है.
लेकिन किसी राज्य की विधानसभा को भंग करने का अधिकार केंद्र सरकार को भी प्राप्त है यदि केंद्र सरकार को किसी राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ती हुई देखें तो फिर केंद्र सरकार वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं या फिर विधानसभा को भंग कर सकती हैं.
इस सवाल के दो तरह के जवाब हैं मान लीजिए कोई मुख्यमंत्री ने विधानसभा को भंग किया है और बहुत जल्दी चुनाव कराना चाहता है तो इसके लिए कोई समय नहीं है यानी कि वह तुरंत ही चुनाव करा सकते हैं.
और मान लीजिए केंद्र सरकार ने किसी राज्य की विधानसभा को भंग किया है तो फिर उसे 6 महीने के भीतर विधानसभा का चुनाव कराना होता है.
मान लीजिए केंद्र सरकार 6 महीने के भीतर दोबारा विधानसभा का चुनाव नहीं कराना चाहती है तो फिर उसे उस राज्य में राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाने के लिए भारत के उच्च सदन राज्यसभा की अनुमति लेनी होती है.
आज की इस पोस्ट में हमने विधानसभा क्या है इस बारे में पूरे विस्तार के साथ बात की है साथ में ही राज्यों की विधानसभा सीटों की भी जानकारी आपके साथ शेयर की है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो जरूर अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिएगा.
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