एलओसी का फुल फॉर्म क्या होता है आपने एलओसी शब्द को टीवी पर सुना होगा या फिर किसी किताब, अखबार में इस शब्द को पढ़ा होगा.
आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है कि एलओसी क्या है एलओसी किसे कहते हैं एलओसी फुल फॉर्म क्या है एलओसी का हिंदी नाम क्या है तो फिर बने रहिए इस पोस्ट के साथ इस पोस्ट में हम एलओसी शब्द से रिलेटेड सारी जानकारियां आपके साथ शेयर करने वाले हैं.
एलओसी से जुड़ी हुई खबरें आप अक्सर टीवी पर देखते होंगे या फिर आप अखबार में पढ़ते होंगे एलओसी से जुड़ी हुई खबरें अक्सर मीडिया में छाई रहती है इसकी एक बड़ी वजह भी है जो इस पोस्ट में हम आगे बात करने वाले हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच में जब भी किसी बात पर विवाद होता है तो आपको टीवी पत्रकार एलओसी के बारे में कोई ना कोई खबर देते होंगे अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच में विवाद की असली जड़ क्या एलओसी है.
तो हम इस पोस्ट में इस पर भी आगे बात करेंगे और जानेंगे कि एलओसी पर अक्सर भारत और पाकिस्तान के बीच में विवाद क्यों होता रहता है.
हम बता देना चहाते है की एलओसी से जुड़ी हुई बहुत सी बातें हैं लेकिन आपके मन में जो सबसे पहला सवाल है कि एलओसी का फुल फॉर्म क्या होता है इसका जवाब आप इस पोस्ट के शुरुआती हिस्से में ही लेना चाहते होंगे तो चलिए हम भी आपको पोस्ट के शुरुआती हिस्से में ही इस सवाल का जवाब दे देते हैं.
एलओसी का फुल फॉर्म क्या है
Loc Full From In English: Line Of Control
L – Line
O – Of
C – Control
Loc Full From In Hindi: नियंत्रण रेखा
एलओसी का हिंदी नाम क्या होता है
जैसा कि आपको हमने बताया कि एलओसी Full From होता है Line Of Control जिसका हम हिंदी अर्थ निकाले तो फिर होता है नियंत्रण रेखा जो दो देशों के बीच में विवाद का मुख्य कारण है.
भारत और पाकिस्तान के बीच में 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा को ही एलओसी कहते हैं एलओसी पर अक्सर युद्ध की स्थिति बनी रहती है इसलिए एलओसी दोनों ही देशों का एक विवादित विषय है.
एलओसी के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको इसके इतिहास में जाना होगा तो चलिए हम आपको एलओसी से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें बताते हैं.
भारत और पाकिस्तान देश को आजादी मिलने के बाद जम्मू और कश्मीर एक विवादित राज्य रहा है जब दोनों ही देशों को आजादी मिल गई थी तब जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान अपने देश में लाना चाहता था लेकिन तब के जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने पाकिस्तान और भारत दोनों ही देश में जाने के लिए मना कर दिया.
दोनों ही देशों को आजादी मिलने के बाद भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था तब जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने अपने राज्य को एक स्वतंत्र देश बनाने की मांग रखी थी.
परंतु पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को अपने देश में मिलाना चाहता था लेकिन महाराजा हरी सिंह ने पाकिस्तान के साथ भारत में भी जाने को मना कर दिया था.
इसी दौरान पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर को ताकत से अपने देश में मिलाना चाहा और पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर के हिसे पर कब्जा करने के लिए अपनी सेना की ताकत लगाई और सेना के बल पर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को किसी भी कीमत पर अपने देश में लाना मिलाना चाहते थे.
लेकिन तब के जम्मू कश्मीर के महाराजा को यह मंजूर नहीं था और अपने राज्य को पाकिस्तान में मिलने से रोकने के लिए भारत की मदद ली और भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना का मुंह तोड़ जवाब दिया था.
लेकिन जम्मू कश्मीर के महाराजा को यह लग रहा था कि पाकिस्तान दोबारा भी इसी हरकत करेगा और अपने राज्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें एक काम फैसला लेना था तभी जम्मू कश्मीर के महाराजा ने कुछ शर्तों पर भारत देश में जाने को राजी हुए थे.
आपकी जानकारी के लिए बता दूं जम्मू कश्मीर राज्य को भारत में मिलाने के लिए कुछ शर्तें तब हुई थी जिसमें से धारा 370 अहम है लेकिन हम उस डिटेल में नहीं जाना चाहते हैं लेकिन अब हम अपनी पोस्ट के फिर से टॉपिक पर ही आते हैं.
जम्मू कश्मीर के महाराजा ने कुछ शर्तों पर भारत में जाने को राजी हुए तो पाकिस्तान को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वह बार-बार जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने के लिए अपनी सैन्य ताकत का प्रयोग करता रहा.
लेकिन लगातार जम्मू कश्मीर राज्य में तनाव बना रहा और दोनों ही देशों की सेनाओं में लगातार युद्ध की स्थिति बनी रही लेकिन आखिरकार 5 जनवरी 1949 को सीजफायर का ऐलान कर दिया गया और तब दोनों ही देशों की सेनाएं जहां थी वहां पर युद्ध विराम की घोषणा की गई थी.
जिससे हम एलओसी के नाम से जानते हैं जिसे हम हिंदी में नियंत्रण रेखा भी कहते हैं हालांकि एलओसी संबंधित कुछ जानकारियां हमसे छूट गई होंगी क्योंकि हमारे पास जितनी भी जानकारी थी वह इस पोस्ट में हमने आपके साथ शेयर की है.
एलओसी संबंधित कुछ अन्य सवाल
भारत और पाकिस्तान के बीच में 740 किलोमीटर लंबी सिमा जो जम्मू कश्मीर में है उसे ही एलओसी कहां जाता है.
एलओसी क्या दोनों ही देशों के बीच में अंतरराष्ट्रीय सीमा है
यह सवाल काफी लोगों के मन में होगा कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में एलओसी अंतरराष्ट्रीय सीमा है तो इसका सीधा सा ही जवाब है नहीं यह दोनों ही देशों के बीच में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है.
एलओसी पर क्या दोनों ही देशों की सेनाएं तैनात हैं
आपके मन में यह सवाल है तो इसका जवाब है हां दोनों ही देशों की सेनाएं वहां पर तैनात होती है आपकी जानकारी के लिए बता दूं जम्मू और कश्मीर राज्य से अलग हुआ POK में पाकिस्तानी चेक-पोस्ट है वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना भी तैनात रहती है.
एलओसी पर क्या दोनों ही देशों की ओर से दीवाल बनाई गई है
आपकी जानकारी के लिए बता दू एलओसी पर कोई दीवार तो नहीं है लेकिन वहां पर नुकीले तार के भारी कुंडू से ढके हुए लाइन है और वही भारतीय सेना की ओर से भी एक बाढ़ लगाई गई है.
आज की इस पोस्ट में आपको एलओसी का फुल फॉर्म क्या होता है इसके बारे में जानकारी मिली होगी साथ में ही आपको एलओसी संबंधित अन्य जानकारी भी इस पोस्ट में मिली है.
फिर भी यदि हमारे से इस पोस्ट में कोई गलती हो गई हो या कोई गलत जानकारी दी गई हो तो इसके लिए हम क्षमा मांगते हैं और आपके क्या विचार हैं इस पोस्ट संबंधित वह आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं.
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